शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

समाचार 

वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञानरंजन को डी लिट 




जबलपुर से विलंब से मिले एक समाचार के अनुसार विख्यात कथाकार और "पहल" के संपादक श्री ज्ञानरंजन को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ने मानद डी लिट की उपाधि विगत 30 दिसंबर 2013 को दीक्षांत समारोह में प्रदान की है....... वैसे ज्ञान जी इन सारी उपाधियों और सम्मनों से बहुत ऊंचे हैं । उनको उपाधि दे कर विश्वविद्यालय स्वयं सम्मानित हुआ है । मुझे कुछ समय पूर्व की एक बात याद आ रही है । तब ज्ञान जी को डी लिट देने के बारे में विचार हो रहा था और कुछ छुटभैये डी लिट पाने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहे थे । इसके लिए उन्होने छुटभैये लोकल नेताओं और अल्पसंख्यकता आदि की दुहाई देते हुये अपनी दावेदारी पेश की थी । उनकी पीठ पर गुप्त रूप से कुछ वरिष्ठ साहित्यकारों का हाथ भी था जो अपने आपको ज्ञान जी की वैचारिकता का विरोधी समझते थे (भले ही उनको ज्ञानजी की रचना-धर्मिता की ए बी सी डी भी नही पता है । और ना ही उनकी वैचारिकता से कोई परिचय.........) बहरहाल उस समय वो सब स्वयं डी लिट पाने मेन कामयाब नहीं हुये थे ।

ज्ञान जी को दी गई डी लिट से विश्वविद्यालय गौरवान्वित हुआ है । इसके लिए विश्वविद्यालय को बधाई । ज्ञान जी तो सदैव अभिनंदित हैं................

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें