शुक्रवार, 14 नवंबर 2008

लघुकथा :

नींद


उनके घर पुत्री जन्म का समाचार सुन कर मैं उन्हें बधाई देने जा पहुंचा-
................ मैंने देखा- नवजात कन्या चैन से सो रही है और उसके माता-पिता की आंखों से नींद उड़ने लगी है..........
(रचना- ०३-०५-१९९५)